Integrity Score 130
No Records Found
No Records Found
No Records Found
नई दिल्ली।
कोरोनाकाल में सैकड़ो की संख्या में लोक कलाकार रोजी रोटी को तरस रहे हैं। राजस्थान के करीब 150 लोककलाकारों का परिवार भूखे पेट सोने को मजबूर है। इन परिवारों की पीड़ा एक वीडियो के माध्यम से संस्था आओ साथ चलें कि पास पहुंची तो तुरंत इनके राशन का इंतजाम किया गया है।
संस्था के राष्ट्रीय संयोजक विष्णु मित्तल ने वीडियो की प्रामाणिकता का पता लगाने के बाद अपनी कोटपुतली टीम को 150 लोगों के परिजनों के लिए राशन किट तैयार कर उन तक भेजने का निर्देश दिया। ये लोग जयपुर के पानीपेच कालोनी में रहते हैं।
संस्था द्वारा शनिवार तक सभी परिवारों को 20 किलो आटा, पांच किलो चावल,दो किलोग्रामन खाद्य तेल,चीनी,नामक व मसालो के अलावा अन्य जरूरी सामान पहुंचा दिया जाएगा।
इन कलाकारो ने एक वीडियो में अपनी व्यथा बयान की थी। जयपुर में करीब 150 परिवार है ये सभी लोककला के प्रदर्शन,नृत्य,गायन आदि से अपनी रोजी रोटी चलाते थे। लेकिन कोरोना ने सबकुछ ठप कर दिया। कलाकारों का कहना है कि वे भीख भी नही मांग सकते क्योंकि इससे उनकी कला की प्रतिष्ठा धूमिल होगी।
राष्ट्रीय संयोजक विष्णु मित्तल ने बताया कि अब आओं साथ चलें टीम कोटपूतली उनको राशन की व्यवस्था में लग गई है। ऐसे और परिवारों का पता लगाकर मदद करने को कहा गया है।
बताया जा रहा है कि इस तरह के लंगा मांगणियार परिवार जैसलमेर में भी है जो करोना कॉल मैं बेरोजगार हैं। इनमें से कुछ तो अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लंगा मांगणियार है। इनकी मदद के लिए भी संपर्क किया जा रहा है।