Integrity Score 150
No Records Found
No Records Found
No Records Found
I have been doing street plays for an year now. Just wrote something that might reflect my respect and admiration for this art form.
एक आवाज़ जो कभी न थमी
एक आवाज़ जो हमारी पहचान बनी
यह नुक्कड़ का शोर है
हमारे अंदर का जोश है
यहाँ पर सदियों से चली आ रही रीति को जब हमारी ललकार मिली
तब यह आवाज़ हमारी बेड़ियों की जुबानी बनी
एक आवाज़ जज़्बे की
दर्शक को करदे अचम्बित
देख इनके नाटक
इब्तिदा है ये क़यी हुनर की